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संस्कृतदिवसः २०२५ संस्कृति-गौरवेण भाषासौख्येन च ग्रेटर नोएडा पोदार् लर्न् विद्यालये उत्सवः अभवत्।

Students reciting shlokas with folded hands on Sanskrit Diwas at Greater Noida Podar Learn School

हिंदी और संस्कृत का महत्व: हमारी संस्कृति की आत्मा

“भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि एक सभ्यता की पहचान होती है।”

भारत की सांस्कृतिक विरासत विश्व में अद्वितीय है, और इस विरासत की नींव हमारी भाषाओं पर टिकी है। विशेष रूप से संस्कृत और हिंदी — ये दो भाषाएं केवल अभिव्यक्ति के उपकरण नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, ज्ञान और दर्शन की आत्मा हैं।


🔶 संस्कृत: भारतीय ज्ञान की जननी

संस्कृत को “देववाणी” कहा जाता है, यानी देवताओं की भाषा। यह केवल धार्मिक ग्रंथों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह:

वेद, उपनिषद, महाभारत, रामायण जैसे ग्रंथों की भाषा है।

विज्ञान, गणित, आयुर्वेद, खगोलशास्त्र और दर्शन जैसे विषयों की प्राचीन पुस्तकें भी संस्कृत में लिखी गई हैं।

पाणिनि की अष्टाध्यायी को विश्व का सबसे वैज्ञानिक व्याकरण माना जाता है।

संस्कृत शब्द संरचना और व्याकरण में इतनी स्पष्टता है कि आज के AI और कंप्यूटर लिंग्विस्टिक्स में भी इसका प्रयोग हो रहा है।


🔶 हिंदी: जनमानस की भाषा

हिंदी, भारत की राजभाषा और करोड़ों लोगों की मातृभाषा है। यह न केवल भावों को व्यक्त करने का सशक्त माध्यम है, बल्कि इसमें सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक विविधता भी झलकती है।

✍️ हिंदी साहित्य की विशेषताएँ:

भक्ति काल में कबीर, तुलसी, सूरदास ने लोगों के हृदय को छुआ।

प्रेमचंद ने हिंदी कहानी को यथार्थवाद की दिशा दी।

जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जैसे कवियों ने हिंदी काव्य को नई ऊंचाइयाँ दीं।

🌿 उदाहरण:
कबीर दास जी कहते हैं __✍️✍️
“बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।”

हिंदी की व्याकरणिक संरचना, शब्दावली और मुहावरे संस्कृत की विरासत को आज भी जीवित रखते हैं।

🔶 आज की पीढ़ी के लिए संदेश

भले ही आज अंग्रेज़ी और अन्य विदेशी भाषाएँ शिक्षा और करियर में महत्वपूर्ण हो गई हों, लेकिन संस्कृत और हिंदी से जुड़ाव हमारे अस्तित्व की गहराई से जुड़ा है। इन भाषाओं का अध्ययन हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है और आत्मगौरव का अनुभव कराता है।

🔶 संस्कृत और हिंदी का संरक्षण क्यों ज़रूरी है?

✅ सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने के लिए
✅ प्राचीन ज्ञान को पुनः खोजने के लिए
✅ नवीन शोध और तकनीकी क्षेत्र में नए आयाम खोलने के लिए
✅ आने वाली पीढ़ियों को भारतीयता से जोड़ने के लिए.
धन्यवाद 🙏

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